भारतवर्ष में अनेक धार्मिक स्थलों की गरिमा और महत्ता है, परंतु प्रयागराज में स्थित बड़े हनुमान जी का मंदिर विशेष रूप से श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करता है। यह मंदिर न केवल उत्तर भारत बल्कि पूरे देश में आस्था का प्रमुख केंद्र है। संगम तट पर स्थित यह अद्भुत मंदिर भगवान हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। यह मूर्ति भक्तों के मन में श्रद्धा और भक्ति का भाव जाग्रत करती है।
इस ब्लॉग में हम प्रयागराज के बड़े हनुमान जी मंदिर के इतिहास, विशेषताएं, धार्मिक महत्व, मान्यताएं और यात्रा मार्ग पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
बड़े हनुमान जी का इतिहास
प्रयागराज का इतिहास अत्यंत पुरातन है, और यही स्थान त्रिवेणी संगम — गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन बिंदु — है। इसी पावन स्थल के निकट स्थित है बड़े हनुमान जी का मंदिर, जिसे स्थानीय लोग “लेटे हनुमान जी” के नाम से भी जानते हैं। यह मंदिर लगभग 18वीं शताब्दी में निर्मित हुआ था। ऐसा माना जाता है कि मंदिर की मूर्ति स्वयंभू (स्वतः उत्पन्न) है और इसे किसी ने निर्मित नहीं किया बल्कि यह धरती से निकली है।
मूर्ति की विशेषता
इस मंदिर की प्रमुख विशेषता है यहाँ स्थापित भगवान हनुमान जी की लेटी हुई मुद्रा में स्थित मूर्ति। यह मूर्ति लगभग 20 फीट लंबी है और पत्थर से निर्मित है। यह पूरे भारत में एकमात्र ऐसी मूर्ति मानी जाती है जहाँ हनुमान जी लेटे हुए अवस्था में दिखाए गए हैं। यह मुद्रा उस समय की मानी जाती है जब भगवान राम के कार्य को पूर्ण कर हनुमान जी विश्राम कर रहे थे।
हनुमान जी की यह मूर्ति गहरे सिंदूर और चमेली के तेल से लिप्त रहती है। भक्तजन उन्हें सिंदूर अर्पित कर मनोकामनाएँ मांगते हैं।
धार्मिक महत्व और मान्यताएं
बड़े हनुमान जी का मंदिर प्रयागराज के सबसे शक्तिशाली धार्मिक स्थलों में से एक है। मान्यता है कि यहाँ जो सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को यहाँ अपार भीड़ उमड़ती है।
एक और लोककथा प्रचलित है कि हर वर्ष जब संगम क्षेत्र में गंगा का जलस्तर बढ़ता है, तब वह बड़े हनुमान जी की मूर्ति को छूकर जाती है। इसे शुभ संकेत माना जाता है और इसे हनुमान जी के पवित्र स्नान के रूप में देखा जाता है।
कुंभ और माघ मेले में विशेष स्थान
प्रयागराज का कुंभ मेला और माघ मेला विश्वप्रसिद्ध हैं। इन धार्मिक आयोजनों में करोड़ों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए यहाँ आते हैं। इन मेलों के दौरान बड़े हनुमान जी के दर्शन का विशेष महत्व होता है। अखाड़ों के नागा साधु पहले बड़े हनुमान जी के दर्शन करते हैं, फिर संगम स्नान में भाग लेते हैं।
मंदिर का वातावरण और दर्शन व्यवस्था
मंदिर संगम तट के निकट स्थित है, जिससे यह स्थान और भी पवित्र प्रतीत होता है। मंदिर परिसर में पूजा, भजन, कीर्तन और आरती की नियमित व्यवस्था होती है। मंदिर के पुजारी श्रद्धालुओं को विधिपूर्वक दर्शन कराते हैं और प्रसाद वितरण करते हैं।
यहाँ पर विशेष तौर पर “हनुमान चालीसा” का सामूहिक पाठ होता है, जो वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है।
कैसे पहुँचे बड़े हनुमान जी मंदिर, प्रयागराज
स्थान: संगम मार्ग, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
रेल मार्ग: प्रयागराज जंक्शन सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 7 किमी की दूरी पर है। स्टेशन से ऑटो, रिक्शा या टैक्सी के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
हवाई मार्ग: प्रयागराज का स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है। यहाँ से लगभग 12-15 किमी की दूरी पर मंदिर स्थित है।
सड़क मार्ग: उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर से प्रयागराज के लिए बसें उपलब्ध हैं। प्रयागराज शहर से मंदिर तक प्राइवेट वाहन और टैक्सी सेवाएँ आसानी से मिल जाती हैं।
यात्रा की उत्तम अवधि
बड़े हनुमान जी मंदिर की यात्रा साल भर की जा सकती है, लेकिन यदि आप विशेष आध्यात्मिक अनुभव चाहते हैं, तो निम्न अवसरों पर यात्रा करें:
माघ मेला (जनवरी-फरवरी)
कुंभ मेला (हर 12वें वर्ष)
हनुमान जयंती (चैत्र पूर्णिमा)
मंगलवार और शनिवार – विशेष पूजन और आरती के लिए उपयुक्त
श्रद्धालुओं के अनुभव
अनेक श्रद्धालु यह मानते हैं कि जब भी वे जीवन में किसी संकट या समस्या में होते हैं, और यहाँ आकर बड़े हनुमान जी से प्रार्थना करते हैं, तो उन्हें समाधान अवश्य मिलता है। कई भक्तों ने बताया है कि यहाँ की सकारात्मक ऊर्जा, शांत वातावरण और भक्तिपूर्ण माहौल उनके मन को शांति देता है।
मंदिर के आस-पास के दर्शनीय स्थल
बड़े हनुमान जी के मंदिर के निकट अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल भी हैं:
त्रिवेणी संगम
अलोपशंकरी देवी मंदिर
शंकर विमलेश्वर मंदिर
अक्षयवट और पातालपुरी मंदिर
हाईकोर्ट भवन और आनंद भवन
यहाँ की यात्रा केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत समृद्ध अनुभव देती है।
बड़े हनुमान जी प्रयागराज के केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि वे एक ऐसी आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र हैं जहाँ हर जाति, वर्ग और पंथ का व्यक्ति मन की शांति और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करता है। उनका विशाल स्वरूप, शांत वातावरण और संगम की पवित्रता इस मंदिर को विशेष बनाती है।
यदि आप कभी प्रयागराज जाएँ, तो बड़े हनुमान जी के दर्शन अवश्य करें और जीवन में शांति, साहस और सफलता का अनुभव करें। श्रद्धा, भक्ति और विश्वास का यह मंदिर हर भक्त के दिल में अपना छाप छोड़ता है।